STORYMIRROR

Kumar Ritu Raj

Children Stories Tragedy

4  

Kumar Ritu Raj

Children Stories Tragedy

याद है मुझे

याद है मुझे

1 min
219

वो पहला जेल... याद है मुझे...

मुड़ के ना देखना, वो पहले छक्के।

वो केलों की दुनिया, वो भूतों का डर।

वो पहली बुखार, वो आठ कंबलों का भार।

सब याद है मुझे...


वो पहली गुड मॉर्निंग, वो सबका कुढ़ाना l

वो नमक रोटी, वो पानी सा दाल।

वो बड़ा मैदान, वो आमों के पेड़।

वो मधुमक्खियों के छत्ते, वो फूल गोभी के खेत।

सब याद है मुझे...


वो बल्बों को फोड़ना, वो आमों को तोड़ना।

वो पहले जूते, वो पहली कॉपी।

वो हमारा लड़ना, फिर हमारा मिलना ।

वो बाबा नाम केब्लाम की पूजा, वो 5 बजे जगना।

सब याद है मुझे...


वो विसेल की आवाज, वो पहला प्रोजेक्टर।

वो खिड़की से देखना, वो बारिश की दुनिया।

वो साइंस की रूम, वो योगा की क्लास।

सब याद है मुझे...

वो मेरा चले जाना, वो सबको रुलाना ये भी याद है मुझे...


এই বিষয়বস্তু রেট
প্রবেশ করুন