अभी तो पंख पसारे हैं
अभी तो पंख पसारे हैं
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अभी तो पंख पसारे हैं
अभी ना मुझको टोकिए
बस एक दो कदम चले
फिर चाहे तू है जो किए
चाहे राह मेरी मोड़ दे
चाहे मंजिलों में रोड़ दे
चाहे अड़चने बने है तू
चाहे विघ्न बन के तू मिले
हर वार सह जाऊंगा मैं
चाहे तू है जो जो किए।