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Kumar Ritu Raj

Abstract Romance

4.5  

Kumar Ritu Raj

Abstract Romance

वो मौन थे कुछ इस तरह

वो मौन थे कुछ इस तरह

1 min
188


वो मौन थे कुछ इस तरह, जैसे पहली पहल मैं करूँ

दिल शांत था कुछ इस तरह, कि मुझ-जैसी चाहत वो करे

कुछ सुकून थे, कुछ आस थे

वो साथ नहीं पर होंगे, ये विश्वास थे

पास जाते थे, न कुछ कह पाते थे

ना जाने क्यों दिल थम जाते थे


वो क्यूट थे कुछ इस तरह, जैसे तारीफें मैं करूँ

मैं कहता था कुछ इस तरह, कि कुछ कहने की चाहत वो करे

यू समझे एक आहट थी, उनकी तस्वीरों की भी हमें चाहत थी


वो ना मिले कुछ इस तरह, जैसे आगे बढ़ने कि पहल मैं करूँ

खुद को तैयार कर, हम चल परे कुछ इस तरह,

किसी को चाहत में मैं मिल सकूं।


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