दुनिया चमत्कार चाहते हैं
दुनिया चमत्कार चाहते हैं
दुनिया चमत्कार चाहते हैं
ना इंकार चाहते हैं,
ना इंतजार चाहते हैं . . .
कभी शांति को सैलाब सा,
कभी हिंसा को श्मशान सा
कभी प्यार पे हक़दार सा,
कभी रिश्ते पे मेहरबान सा
दुनिया चमत्कार चाहते हैं . . .
ना दूसरों कि तरक्की हो
ना दूसरों कि खुशी
बस वो खुश रहे
हो ऐसी जिंदगी
दुनिया चमत्कार चाहते हैं . . .
ना मेहनत कि आस हैं
ना अपनों पे विश्वास हैं
इन भोली शक्लों पे एक झूठी मुस्कान है
ये बस, तेरे दर्द का इम्तिहान चाहते हैं . . .
दुनिया चमत्कार चाहते हैं
ना इनकार चाहते हैं, ना इंतजार चाहते हैं . . .