नाकामियों पे अपने - बलि हमें चढ़ाते हो पैदाइशी अपाहिज - क्यों बनाके भेजते हो। नाकामियों पे अपने - बलि हमें चढ़ाते हो पैदाइशी अपाहिज - क्यों बनाके भेजते हो।
कभी सुनामी की तो कभी भूकंप की। कभी तूफान की , तो कभी ज्वालामुखी की। कभी सुनामी की तो कभी भूकंप की। कभी तूफान की , तो कभी ज्वालामुखी की।
सब्जी मंडी में रसायनों का प्रयोग हो रहा बाल बच्चे,बूढ़े और जवानों को रोग हो रहा। सब्जी मंडी में रसायनों का प्रयोग हो रहा बाल बच्चे,बूढ़े और जवानों को रोग हो रह...
सीप में गिरूँ तो मोती कीचड़ में गिरूँ तो व्यर्थ नदी में गिरूँ तो अमृत सीप में गिरूँ तो मोती कीचड़ में गिरूँ तो व्यर्थ नदी में गिरूँ तो अमृत
शायद प्रकोप ही है यह प्रकृति का। शायद प्रकोप ही है यह प्रकृति का।
हुआ प्रकोप प्रकृति का, और फैली महामारी है, मानव जन पर आई कैसी,विपदा बड़ी ये भारी है. हुआ प्रकोप प्रकृति का, और फैली महामारी है, मानव जन पर आई कैसी,विपदा बड़ी ये...