प्यासी सूनी-अधूरी सी, एक कसक मन को देकर ! प्यासी सूनी-अधूरी सी, एक कसक मन को देकर !
नाकामियों पे अपने - बलि हमें चढ़ाते हो पैदाइशी अपाहिज - क्यों बनाके भेजते हो। नाकामियों पे अपने - बलि हमें चढ़ाते हो पैदाइशी अपाहिज - क्यों बनाके भेजते हो।
मन इक अभीप्सा मन इक लिप्सा मन इक अभीप्सा मन इक लिप्सा
कब तक यूँही हम खोते रहेंगे बेटियाँ, कब आयेगी वो सुबह जब बेखौफ़ होंगी बेटियाँ कब तक यूँही हम खोते रहेंगे बेटियाँ, कब आयेगी वो सुबह जब बेखौफ़ होंगी बेटिय...
नारी तुम अपने जीवन में, कोई असीमित शक्ति बन जाना। नारी तुम अपने जीवन में, कोई असीमित शक्ति बन जाना।
मैं थोड़े सुधरूँगा। मैं थोड़े सुधरूँगा।