डर लगा तो कह दिया
डर लगा तो कह दिया
बाहर भी गूँजेगी,अंदर भी गूँजेगी
ये आवाज़ें बस वक़्त वक़्त पर ही गूँजेगी
तब जवाब था न अब जवाब है,
चुप है वो हुक्मरां जिनसे सवाल है,
यहाँ सब राष्ट्रवाद है..सब राष्ट्रवाद है,
डर लगा तो कह दिया...
जो दिल में था सवाल वो तुझसे किया,
कब तक यूँही हम खोते रहेंगे बेटियाँ,
कब आयेगी वो सुबह जब बेखौफ़
होंगी बेटियाँ
अंधेरी रात में खुद को आज़ाद रह
पायेंगी बेटियाँ,
डर लगा तो कह दिया....
है सवाल तुझसे मेरा अभी ?
इस मुल्क की बेटियों के लिए तूने
क्या किया,
है पापी तेरे खुद के घर में इतने,
बता तूने उन पापियों का क्या किया
डर लगा तो कह दिया..
