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Rudra Singh

Abstract Romance

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Rudra Singh

Abstract Romance

वो अजनबी क्यों लगने लगा

वो अजनबी क्यों लगने लगा

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तुम मेरे बहुत करीब थे 

फिर भी मुझे अजनबी लगे,

वो वक़्त ऐसा था,

मुझे तुमसे ज्यादा,


एक अजनबी पर भरोसा था,

कभी दौड़ कर आजाता था,

तुम्हारे पास तुम्हारी मुश्किलों में,

लेकिन खुदके हाल में, कदम लड़खड़ाये,

मगर तुमसे ज्यादा वो अजनबी अपना लगा !


ये कैसे हुआ पता नहीं,

हमारे बीच कोई अनबन नहीं,

दरार नहीं दीवार फिर ये कैसे हुआ,

चलो अब जो भी हुआ अच्छा हुआ,

जरूरत का ये सिलसिला यहीं दफन हुआ।


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