जाने कितनी बार गौरी को मनाया था मुझे हठी बालक की तरह परे कर बैठी जाने कितनी बार गौरी को मनाया था मुझे हठी बालक की तरह परे कर बैठी
बनकर अर्धांगिनी रुठ जाओगी जब कभी अपना चेहरा छुपा लोगी मुझसे तुम बनकर अर्धांगिनी रुठ जाओगी जब कभी अपना चेहरा छुपा लोगी मुझसे तुम
तुम्हारा अक्सर तोहमतें लगाना और कहना। क्या करती हो दिन भर सुस्त आलसी हो थोड़ी तुम। तुम्हारा अक्सर तोहमतें लगाना और कहना। क्या करती हो दिन भर सुस्त आलसी हो थोड़ी...
अपने हमसफर की दुनिया में अर्धांगिनी नहीं, उसकी पूरी कायनात हूं। अपने हमसफर की दुनिया में अर्धांगिनी नहीं, उसकी पूरी कायनात हूं।
जब परिवार के सदस्य अप्रिय लगने लगें और पराये अपने लगने लगें तो, समझ लीजिए विनाश का स जब परिवार के सदस्य अप्रिय लगने लगें और पराये अपने लगने लगें तो, समझ लीजिए...
करके सोलह सृंगार तेरे नाम का मैंने ख़ुद को वट के पत्तों से सजाया है। करके सोलह सृंगार तेरे नाम का मैंने ख़ुद को वट के पत्तों से सजाया है।