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Garima Mishra

Abstract

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Garima Mishra

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वट सावित्री

वट सावित्री

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करके सोलह सृंगार तेरे नाम का

मैंने ख़ुद को वट के पत्तों से सजाया है


पूज कर वट वृक्ष में ब्रम्हा विष्णु महेश को

मैंने यमराज से तुम्हारी दीर्घायु होने का वर पाया है


बांधकर कच्चे धागे की मौली उस वृक्ष में

तुम्हारी रक्षा के लिए मैंने हर रस्म को निभाया है


हर जन्म रखूं ये व्रत सिर्फ तुम्हारे नाम का

तुम्हारी अर्धांगिनी बनकर मैंने ये सौभाग्य पाया है।


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