बेरोजगार
बेरोजगार
आज के युवा देखो
कैसे हुए बेहाल हैं
रोजगार नहीं है कोई
महंगाई की मार है
आज हालात जो हो रहे विश्व के
सब में बेचैनी बेशुमार है
क्या करें क्या न करें
मुश्किल में परिवार है
जन्म हुआ है दुनिया में
जीना हमारा अधिकार है
ज़िंदा है तो खाना भी होगा
मगर महंगाई से लाचार हैं
जो पैसे थे माँ-बाप के
लगा दिए सब पढ़ाई पर
सोचा था पढ़ लिखकर
बन जाऊंगा इक दिन अफसर
पर शिक्षा सब बेकार है तब तक
जब तक उसका कोई लाभ न हो
घर परिवार चलाएं कैसे
जब हाथ में कोई रोजगार न हो।
