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somadatta kulkarni

Abstract

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somadatta kulkarni

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जन्मदिन

जन्मदिन

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कोई तो मुझे बताए

जनम दिन कैसे मनाऊँ

इस दुनिया में आनेका

जश्न यहाँ मै कैसे मनाऊँ   १


मतलबी दुनिया देखता हूँ

तो मुझे समझ नही आता 

यहाँ आने कि खुशी मनाऊँ

या नही? कुछ नहीं समझता २


क्या क्या उम्मीदें लाया था

कितने सपने आँखो में थे 

क्या से क्या जहाँ में हुआ

सपने ये सपने ही रह गए थे    ३


सोचता हू यारो मन ही मन 

अपना जनम दिन क्यो मनाए

जब अपने ही नहीं रहे अपने

तो दिल कि बात किसे बताए।   ४


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