STORYMIRROR

Garima Mishra

Romance

4  

Garima Mishra

Romance

मेरी चाहत की अगर कोई हदें होती

मेरी चाहत की अगर कोई हदें होती

1 min
227

मेरी चाहत की अगर कोई हदें होती,

तो दुनिया में नहीं, दिलों में सरहदें होती।  


हुक़ूमत बनाने वहाँ कोई सरकार नहीं आती,  

आपकी आँखें ही वहाँ पर हुकुम चलाती।  


वहाँ कोई मुल्कों का बँटवारा ही नहीं होता,  

आपके सिवा कोई और सरकार हमें गवारा नहीं होता।  


आपको मेरे शब्दों के जाल से भी वहशतें होती,  

मेरी चाहत की अगर कोई हदें होती।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance