आत्मसम्मान एक उम्मीद
आत्मसम्मान एक उम्मीद
बीत गया गुजरा जमाना,
आ गयी है नयी सदी,
क्यों मिली ये जिंदगी तुझे,
खुद से सवाल ही सही,
कुछ कर गुज़र सकता है तू,
दिल में यह अरमान भर ले,
सही रास्ते हैं मंज़िल दिलाते,
बस, खुद पर तू विश्वास कर ले।।
खुद से तू सवाल कर ले,
मुश्किलें आसान कर ले,
करना क्या है जिंदगी में,
वो रास्ता तलाश कर ले,
सब रास्ते कांटे भरे हैं,
उन काँटों को गुमराह कर ले,
अंत में मंज़िल ही मिलेगी,
बस, खुद पर तू विश्वास कर ले।।
तू जन्मा है ये नसीब तेरी,
पर मौत भी है करीब तेरी,
ये फ़ासला इस्तेमाल कर ले,
बन जा एक ऐसी मिसाल,
जो हर सपनों को साकार कर ले,
जीतेगा हर जंग को तू ,
बस, खुद पर तू विश्वास कर ले।।
आज आया है कल जाएगा,
कोई न याद तुझे रख पाएगा,
ये जिंदगी है अनमोल इतनी,
इसे ख़रीद भी ना पायेगा,
तू खुद की कर इतनी शहादत,
बन जा तू दुनिया की चाहत,
इस जज़्बे को सलाम कर ले,
बस, खुद पर तू विश्वास कर ले।।
