Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

प्रेम पूरा हुआ?

प्रेम पूरा हुआ?

1 min
239


प्रेम की सारी रस्में मन से निभाकर

साथिया प्रीत का तुमको दिल से बनाकर

चलते जाना है जीवन में आगे मुझे

दुख सारे अपने गले से लगाकर

खुशियों की डोली में तुमको बिठाकर

दूर करने तुम्हारे अंधेरे घने

पांव रखोगी घर में महावर के तुम

उन निशानों में ढूंढूंगा प्रेम पूरा हुआ

आवाज़ से दर महक जाएगा

छनक झांझर की और ये बिछुआ सजा

लाल जोड़े में तुम सजकर जब भी

इतराओगी बन आइने की सखी

मैं हौले से आकर गले से लगाकर

आंखों ही आंखों में पूछूंगा प्रेम पूरा हुआ?

बनकर अर्धांगिनी रुठ जाओगी जब कभी

अपना चेहरा छुपा लोगी मुझसे तुम

हक मनाने का मुझको मिलेगा ही तब

मान जाना न सताना

पास आकर है मुश्किल मुझे दूर जाना

तब तुम्हीं दौड़कर बाहों में आओगी न

मेरे कंधे पर सर रख छुपाओगी न

होठों पर अपने होठों को रख

खामोशी को गहना बनाओगी न

लरजते होंठो से पूछूंगा तब भी यही

प्रेम पूरा हुआ?


Rate this content
Log in