वो बचपन मेरा
वो बचपन मेरा


अपने बेटे को गोदी उठाता हूं जब
भींचकर मैं कलेजे लगाता हूं जब
याद आते हो पापा तुम मुझको बहुत
पास न हो तो सताते हो मुझको बहुत
कहते थे मुझ को कलेजे का टुकड़ा
याद आता है हर पल तुम्हारा दुखड़ा
न देख पाऊँ अगर एक पल भी उसे
अपने टुकड़े से मैं दूर जाता हूं जब
सुख सारा लगता वही बचपना था मेरा
थाम कर उंगली जिनमें बड़ा मैं हुआ
तुम्हारी पूजा, इबादत का हिस्सा बना
तुम्हारी सारी बातों का मैं हिस्सा बना
वो कहानी फ़िर से लिखी जा रही
सोचकर हाथ दिल पर लगाता हूं जब...