STORYMIRROR

Roli Abhilasha

Tragedy

3  

Roli Abhilasha

Tragedy

बोनसाई और सौंदर्य

बोनसाई और सौंदर्य

1 min
307

बड़े पेड़ों की छांव से

भर चुके थे लोग

बोनसाई में कुछ

अपना सा लगा

छज्जे, खिड़कियां,

दीवारें, छत

इन सबको तो

भर दिया


पर बड़े पेड़ों को

उजाड़ते रहे

लोगों की छांव गई,

चिड़िया का घरौंदा भी

जाने किसी ने इनका

क्या लूटा था

पर्यावरण बिगड़ रहा

मौसम का कुछ शुमार नहीं


कैक्टस उगा रहें

पीपल, बरगद का

कुछ लिहाज नहीं

झूठे सौंदर्य का मान ओढ़े

किस ओर बहे जा रहे

सुंदरता को खत्म कर

सौंदर्यीकरण का मान बढ़ा रहे। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy