जाड़े की आहट
जाड़े की आहट
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जाड़े की आहट ,
आने लगी है ।
फिजां में मोहब्बत, छाने लगी है ।।1।।
सूरज की किरणें,
जरा-सी, जरा-सी,
धीमी औ मीठी, होने लगी है ।।2।।
खेतों में खुशबू ,
छन-छन, छनाछन ,
शिशिर की हवाएं, गाने लगी है ।।3।।
घर की गौरेया,
संध्या सुहानी ,
जरा-सी वो जल्दी, सोने लगी है ।।4।।
बुजुर्गाें को बदली,
पगली हवाएं ,
इशारे-इशारे , सताने लगी है ।।5।।
सर्दी है सर्दी,
बड़ी है बेदर्दी ,
अपना असर वो, बताने लगी है ।।6।।
सर्दी की रातें,
पागल मोहब्बत ,
अमन को ठिठूरन, फंसाने लगी है ।।7।।
