चलो कोई गीत गाएं
चलो कोई गीत गाएं
चलो गुनगुनाएं , कोई गीत गाएं ।
संगीत सरगम चलो मीत गाएं।।
सुर, ताल साथी नही है जरूरी।
जरूरी है मिटना दिल बीच की दूरी।।
बस प्यार से ही सब हो लबालब ,
हम प्रीत बांटे और प्रीत पाएं।
चलो .....
मीठी हो वाणी, मधुर और मधुर हो।
कोयल की कूह कूह, उधर और इधर हो ।।
मानव की वाणी में फिर से पुनः अब,
न गाया गया जो, वो संगीत आए।
चलो .....
बुराई का कल भी हमेशा बुरा है।
भलाई से ही तो हर चौक पुरा है।।
मानव के दिल से हमेशा-हमेशा ,
बुराई, बुरा है, वो बीत जाए।
चलो ....
चौनों-अमन का अपना मजा है ।
संसार खुशियों का सपना सजा है ।।
चाहे जगत में बस हार हो हासिल,
लेकिन दिलों को, अमन जीत जाए ।
चलो ....