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मुकेश बोहरा अमन

Abstract

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मुकेश बोहरा अमन

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घर में रहना

घर में रहना

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घर में रहना, घर में रहना,

सबसे विनती, कहना है

कोरोना है बड़ी बीमारी,

सबको बचके रहना है १


मुंह पर पट्टी, हाथ धुलाई,

रखना हर पल साफ-सफाई

कोरोना से बचना है तो,

आइसोलेशन सहना है।


दुनिया भर के देश दु:खी है,

कैसा आलम, बेबसी है,

सही समय पर चेत उठो अब,

वरना फिर तो ढहना है।


आज बचे तो कल आएगा,

रुका हुआ हर पल आएगा

वही सुरक्षित जिसने अपने,

मुंह पर मास्क पहना है।


सर्दी, खाँसी और बुखार,

संक्रमण से भरा बजार

सावधानी और सजगता,

अब जीवन का गहना है।


सारी दुनिया त्राहिमाम है,

हो गई सबकी सुबह शाम है,

समझदार हो, घर पर रहना, 

अमन का फिर से कहना है।


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