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मुकेश बोहरा अमन

Abstract

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मुकेश बोहरा अमन

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भारत वतन हमारा है

भारत वतन हमारा है

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नव भास्कर-सा उगता यह, 

भारत वतन हमारा है।

आसमान की खुली धरा का, 

भारत बना सितारा है।।


लहूं पसीना बहा बहाकर , 

हम भारत को सीचेंगें।

उन्नति के सौ-सौ रथ हम, 

अपने कन्धों खीचेंगें।।


भारत हमको दिल से प्यारा, 

यही हमारा नारा है।

आसमान की खुली धरा का, 

भारत बना सितारा है।।


गौरवशाली भारत का , 

इतिहास पुनः दोहरायेंगें।

अपनी मेहनत, हिम्मत के बल, 

दुनिया में छा जायेंगें।।


और दुनिया को बतलायेंगें, 

भारत हमको प्यारा है।

आसमान की खुली धरा का, 

भारत बना सितारा है।।


कैसी भी हो मुश्किल सम्मुख, 

कभी नही हम घबरायेंगें।

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम् , 

राष्ट्रगाान हम गायेंगें।।


राष्ट्र रक्षा जीना-मरना , 

यही धर्म हमारा है।

आसमान की खुली धरा का, 

भारत बना सितारा है।।


तरूणाई के सोने-से दिन, 

ऐसे ही नही जाने देंगें।

राष्ट्र में ही राष्ट्र विरोधी , 

गान नही हम गाने देंगें।।


दुश्मन को बस इतना-सा ही, 

हमारा एक इशारा है।

आसमान की खुली धरा का, 

भारत बना सितारा है।।


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