STORYMIRROR

satender tiwari

Drama

4  

satender tiwari

Drama

गलतफहमी

गलतफहमी

1 min
489


खूबसूरत हर वो लम्हा था

जब मैं तन्हा अकेला था 

न उम्मीद किसी से न लगाव था 

ये सब बकवास है ऐसा कहना था 


साथ अपनो का अनमोल होता है। 

उम्मीद अपनो से नही लगाव होता है 

यूँ तो अकेले रहने की ख़्वाहिश रखते है लोग 

प्यार से हाल पूछ लो तो हर कोई रो देता है


फिर किस दिखावे में कैसे जी लेते हैं। 

क्या करे कुछ लोगों को अपने भी छोड़ देते हैं

गलतफहमियाँ अक्सर बाजी जीत जाती है 

जो समझ ले इसको वो अपनो से दूर नहीं होते हैं ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama