जाती हुई सर्दी
जाती हुई सर्दी
चलो फिर मिलेंगे हर बार की तरह
तुम फिर वही ठंड लेकर आना
हम फिर से रजाई लेकर आएंगे
मूँगफली भी फिर से खाएँगे
संग चिक्की भी मिलाएँगे
थोड़ी थोड़ी आग की गर्मी से
तुझे फिर से खूब चिढ़ाएँगे
तू गुस्से में और ठंडी हो जाना
हम मुस्कुराकर हाथ मिलाएँगे
ऐ जाती हुई सर्दी सुन ज़रा
तेरी याद भी बहुत आएगी
चलो फिर मिलेंगे हर बार की तरह
तुम फिर वही ठंड लेकर आना
हम फिर से रजाई लेकर आएंगे।
