खामोश तस्वीर
खामोश तस्वीर
तस्वीर थी खामोश थी
आवाज़ थी पुकार थी
सन्नाटा था कोई वहाँ
फिर वो चीख क्या थी
सवाल था या पहेली
कोई जवाब बुन रही थी
मैं उसे देख हैरान था
वो मुस्कुरा रही थी
मैं समझ रहा था उसको
वो जो बात कर रही थी।।
तस्वीर थी खामोश थी
आवाज़ थी पुकार थी
सन्नाटा था कोई वहाँ
फिर वो चीख क्या थी
सवाल था या पहेली
कोई जवाब बुन रही थी
मैं उसे देख हैरान था
वो मुस्कुरा रही थी
मैं समझ रहा था उसको
वो जो बात कर रही थी।।