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Anuradha Negi

Drama

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Anuradha Negi

Drama

पहली नजर

पहली नजर

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मैंने चाहा था उसको जो मेरा ना था 

जिसके टूटने से मांग लूं तुझे 

आसमान में ऐसा सितारा ना था 

मैंने तो रब से मांगा भी था तुझको 

पर तुम हम एक हो जाये

ये रब को भी गवारा ना था।

बस एक ही नजर तो देखा था उसे 

और फिर पलकें झुका ली थी मैंने 

समा गए तुम इस तरह आंखों में 

फिर ना देखा था किसी और को मैंने।

सिर्फ सोचते और तुम्हें सोचते रहते 

न कुछ कह पाते ना कभी बता पाते

चाहते भी तो आखिर किसे कहते हैं

तुम्हें तो मालूम ही नहीं था कि

तुम ही बस हो इस दिल में रहते।

कोशिश बहुत की मैंने कह दूं तुमसे 

हां तुमको बसा लिया था खुद में

पर हार जाने का डर इतना सताया

कि तुम्हें हम मिला ना पाए खुद हमसे।

आखिर इंतजार खत्म हुआ और 

जाहिर कराई थी अपनी मन की बात 

पर तुमने मुंह मोड़ लिया तब ऐसा 

फिर सो ना पाए हम उसके बाद।

चले आओ ना प्यार आज भी है

वही एहसास और वही बात भी है 

बताओ क्यों रास नहीं आए हम तुम्हें 

शायद मेरी लकीरें नहीं साथ हैं और 

तुम्हारे हाथों में कोई और हाथ है।

                    


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