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Naina Singh

Abstract

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Naina Singh

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आँसू सच्चा हमदर्द

आँसू सच्चा हमदर्द

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हमारे पूरी ज़िन्दगी के सफर मे

हमारा हमसफ़र आँखों के आँसू होता है

खुशी हो या गम की साया दिल पर

ये आँसू हर अहसास मे साथ निभाता है


कितनी गहरी पहेली होती है न ये आँसू भी

इसका कोई एक पहचान नहीं होती दुनिया मे

रहता तो है पलकों पर रुके किसी मोती की तरह

पर गम की है या ख़ुशी की कोई समझ नहीं पाता है


आकर रुके हो कतरे गर किनारे पर पलकों की

होठों पर मुस्कान देख लोग खुशी की नाम देदे ते है

गर मायूस हो चेहरा भीड़ मे भी अपनों के

तो उस खुशी कर आँसू को लोग गम के हवाले कर देते हैं


क्या दस्तूर बनाया है कूदरत ने भी संसार मे

परिस्थितियां जो भी हो आँसू से रिश्ता जुड़ा रहता है

वक़्त जैसा भी हो ज़िन्दगी के हमारे

ये आँसू हर कदम पर कई बहाने से साथ रहता है


एक ऐसा रिश्ता है हमारे और आँसूओ का ज़िन्दगी मे

जिससे अच्छा व सच्चा दोस्ती कोई किसी जन्म मे न निभा पाए

लोग छोड़ जाते है साथ मुश्किल मे दिल को तन्हा कर

पर एक आँसू ही है जो हमारे तन्हाई के तड़प की सच्चा गवाह व हमदर्द होता है....!!



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