Ziddi ....
Share with friendsन जमी चाहिए न आसमान चाहिए , बस थोड़ी देर तेरी गोद में सोने का वो सुकून चाहिए न दौलत का वो गुमान चाहिए, न शोहरत का वो अभिमान चाहिए तेरे होंठो पर हर पहर बस वो मीठी सी मुस्कान चाहिए .......
शख्शियत कुछ ऐसी बनाइए अपनी लोग बाते करने को बेकरार हो जाए और बिना मिले ही लोगो को तुमसे प्यार हो जाए
शुरुआत कहां से करू उसके व्यक्तित्व को निखार देने की हर लफ्ज को उसकी तारीफों में उतार देने की निः शब्द हो जाती हूँ जब भी उसकी तारीफ करू और मेरी कलम भी मौन हो जाती है