Riya yogi

Others

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कुछ एहसास ......

कुछ एहसास ......

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माना कि मैं थोड़ी जिद्दी थी 

मगर माँ मैं पास तेरे ही अच्छी थी

चाहे जिस हाल में मुझे तू रखती थी ,

वो दुनिया मुझे जन्नत से कम नहीं लगती थी 

तेरा मुझे लोरी न सुनाना भी अच्छा था 

बात- बात पर मुझे डांट लगाना भी अच्छा था 

तू मुझे डांट ले , मार ले , चाहे जितनी फटकार ले 

बस एक बार प्यार से मुझे पुकार ले.......


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