I am from Azamgarh (U.P), have done MCA from Amrita university and working as a software engineer in MNC. I love to write novels and poems. Author of novel "Unknowingly I Loved a Call Girl" published last year.
ये कविता आज हो रहे नारी के ऊपर उस अत्याचार के संदर्भ में लिखा है ये कविता आज हो रहे नारी के ऊपर उस अत्याचार के संदर्भ में लिखा है
जगा के प्यार सीने में, एक जख्म दे गया प्यार का इज़हार बाकी था,तू अकेला छोड़ गया । अभी तो ठीक से न... जगा के प्यार सीने में, एक जख्म दे गया प्यार का इज़हार बाकी था,तू अकेला छोड़ गय...
माँ के लिए एक कविता। माँ के लिए एक कविता।
आज की नारी आज की नारी
तेरे इश्क़ का रंग...। तेरे इश्क़ का रंग...।
वो मुस्काते नहीं...। वो मुस्काते नहीं...।
ढलती शाम...। ढलती शाम...।