Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Goldi Mishra

Drama Romance Others

4  

Goldi Mishra

Drama Romance Others

सुरमई

सुरमई

1 min
429


खारा पानी और प्यास गहरी,

रातें तन्हा और शाम इंतजार से भरी,

सारे मकान में एक गूंज है यादों की,

हर कोने में महक है उसके इत्र की,

ज़रा पलटो इन पन्नों को इनमें किस्सों को चीख है,

कुछ लम्हे और कुछ उम्र भर की सीख है।


रब जाने क्यों किसमत में तू नहीं,

तुझ तक जाए जो राहें वो कोहरे से है ढकी,

सफ़र ए ज़िंदगी का मेहरम वो था,

थोड़ा संभला और काफी बिखरा वो लम्हा था,

ज़रा पलटो इन पन्नों को इनमें किस्सों को चीख है,

कुछ लम्हे और कुछ उम्र भर की सीख है।


बंद आंखों से महसूस किया था हमने उस एहसास को,

उस रात आंखों से हमने आजाद किया था बरसात को,

चल दिया वो ना जाने किस खुदा की तलाश में,

छोड़ गया इस जिंदगानी को राख के सैलाब में,

ज़रा पलटो इन पन्नों को इनमें किस्सों को चीख है,

कुछ लम्हे और कुछ उम्र भर की सीख है।


ना शुरू ना खत्म हुआ,

वो बन कर कर परिंदा आसमान का हो गया,

हाथों में ये जोग कैसा है लगा,

बेपरवाही के बदले क्यूं इंतज़ार हमे मिला,

ज़रा पलटो इन पन्नों को इनमें किस्सों को चीख है,

कुछ लम्हे और कुछ उम्र भर की सीख है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama