मुश्किल था वक्त
मुश्किल था वक्त
मुश्किल था बीता वक्त पर हम लड़ते रहे,
कमज़ोर थे हालात पर हम डटे रहे।
चार दीवारों में जिंदगी जैसे सिमट सी गई,
वो हसी वो खुशहाली कही खो सी गई,
बाहर आना जाना काम हो गया,
जिंदगी में जैसे सब कुछ बदल गया।
मुश्किल था बीता वक्त पर हम लड़ते रहे,
कमज़ोर थे हालात पर हम डटे रहे।
हाथ पर हाथ रख कर आखिर कब तक बैठे रहें,
यूं ही मायूस आखिर कब तक बैठे रहें,
मैंने भी कलम उठाई,
और कागज़ पर बिखेर दी सिहाई।
मुश्किल था बीता वक्त पर हम लड़ते रहे,
कमज़ोर थे हालात पर हम डटे रहे।
हर ओर बस सन्नाटा था छाया,
क्या करे क्या नही कुछ समझ ना आया,
पर मैने कुछ नया सीखना चाहा,
खुद को और बेहतर तरीके से जानना चाहा।
मुश्किल था बीता वक्त पर हम लड़ते रहे,
कमज़ोर थे हालात पर हम डटे रहे।
मैं जब भी घबराती बस आसमान को निहारती,
हर रात का सवेरा जरूर आता है
मैं खुद को बस इतना समझाती,
इस बुरे वक्त में भी काफी कुछ नया मैंने सीखा,
इन हालातों में मैने जिंदगी को एक अलग नजरिए से देखा।