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Renu kumari

Abstract Drama Tragedy

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Renu kumari

Abstract Drama Tragedy

इस बार जो टूटी

इस बार जो टूटी

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इस बार जो टूटी हूँ अब फिर न जुड़ पाऊँगी

इस बार जो दिल से छुटी फिर कभी न मिल पाऊँगी


गलती मेरी है जो मैंने विश्वास किया सब पर

इस जो सबकी जिंदगी गई फिर कभी न लौट कर आऊँगी


जानती हूँ किसी को कोई फर्क नही पड़ता मेरे होने न होने से

इस बार जो मैं रूठी जाना मैं रूठी ही रह जाऊँगी 


कर लिया है यकीन मैंने अपनी किस्मत पर

इस बार जो बदली वो मैं सेह न पाऊँगी


हाँ थक गई हूँ इस दुनिया के झूठे दिखावे से

इस बार जो अश्कों से रोई फिर कभी न मुश्कुराउंगी


दी इज़्ज़त मैंने सबको जितना दर्द देना हो दे दो आज मुझे

क्योंकि इस बार जो मैं सोई फिर कभी न उठ पाऊँगी।


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