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Neeraj pal

Abstract

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Neeraj pal

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प्रभु नाम।

प्रभु नाम।

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यह जीवन है कितना छोटा, कष्टों का अंबार लगा

सुख की चाहत में मन -मृग बना दौड़ा ही चला जाता है।


इस मृगजल के छलावे में कितनों ने जीवन गवाया है

प्रभु चरणों में आस लगी है जीवन का वही सहारा है।


प्रभु की कृपा अगर मिली तो जीवन में बचा न कुछ बाकी है

मंजिल चूमेगी तेरे चरणों को अगर तूने उसे पुकारा है।


प्रभु नाम की महिमा निराली कितने अधमों को तारा है

बस इतनी विनती है "नीरज" की प्रभु का सकल पसारा है।


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