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सोनी गुप्ता

Abstract

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सोनी गुप्ता

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साफ़ वातावरण

साफ़ वातावरण

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वातावरण हो गया है साफ,

पशु -पक्षी चहक रहें है

गमलों में खिले फूल

जैसे महक रहे हैं

तितलियाँ मंडरा रही हैं

लगता है कुछ तारें

आ गए है धरती पर।


काली रात होगी समाप्त

नदियाँ हो गई है निर्मल

कभी था इनमे गन्दा जल

समझो इस बात को

हवा सुंदर- सुंदर लगती है।


जो जीवन में खुशियाँ भरती है

कितना अच्छा हो गया है

मेरा सुंदर वातावरण

जीवन में जीने की इच्छा जाग रही

पर कोरोना को देख कर लगता

जिंदगी जैसे भाग रही है।


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