STORYMIRROR

Aman Barnwal

Abstract Inspirational

4  

Aman Barnwal

Abstract Inspirational

आओ सबको जगाते चलते है

आओ सबको जगाते चलते है

1 min
479

उठ ही गए हैं जो अगर अब हम 

तो आओ सबको जगाते चलते हैं।

हाथ मिला कर देखा है अब तक

इस बार दिल मिलाते चलते हैं।


रोपते हैं तुलसी हर आंगन में

कंटीले बबूल हटाते चलते हैं।

उठ ही गए है जो अगर अब हम 

तो आओ सबको जगाते चलते हैं।


खुद को रोशन बहुत कर चुके 

अब उम्मीद के दिये जलाते चलते हैं।

जिनसे हम रूठे है उनको माफ कर

खुद से रूठो को मनाते चलते हैं।


खून के रिश्ते खून के ही रहेंगे

बाकि सबको दोस्त बनाते चलते हैं।

उठ ही गए है जो अगर अब हम 

तो आओ सबको जगाते चलते हैं।


कब तक आखिर हम भागते रहेंगे

चलो अब कदम मिलाते चलते हैं।

कई बाग बगीचे लगा लिए हमने

चलो अब फूल गिराते चलते हैं।


खुश इंसान खुशी संसार ढूंढ़ता है।

चलो ये चमन महकाते चलते हैं।

उठ ही गए है जो अगर अब हम 

तो आओ सबको जगाते चलते हैं।


लालच की पोटली नदी में डालकर

मदद को हाथ बढ़ाते चलते हैं।

कोई अपना छूट ना जाए नीचे

आओ उसको चढ़ाते चलते हैं।


किसी ने हमें बनाया था काबिल

अब हम हुनर सिखाते चलते हैं।

उठ ही गए हैं जो अगर अब हम 

तो आओ सबको जगाते चलते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract