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Priyanka Shrivastava "शुभ्र"

Abstract

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Priyanka Shrivastava "शुभ्र"

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बदलता जीवन

बदलता जीवन

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बदलता जीवन

घर आंगन को स्वच्छ किया

और बाह्य परिसर में फैला दिया

पॉलीथिन में भर कर कचड़ा

प्रेम से नाले में ही डाल दिया।


ये पॉलीथिन दुश्मन बन

जाम किया नाला का तन

जल निकासी अवरुद्ध हुआ

नाला जल में डूबा, पूरा बदन।


पेड़ काट कर घर सजाया

घर आने को सड़क बनाया

चारो ओर की हरियाली काट

कंक्रीट का वन फैलाया।


दूर हुआ मेरा पक्षी प्यारा

दुर्लभ हुआ पशु का चारा

आधुनिकता की दौड़ में

पर्यावरण का कत्ल हुआ।


भूल गए हम हरियाली को

तरस गए हम खुशहाली को

बच्चे केवल पढ़े कहानी में

देखा नहीं छप्पन-भोग सजी थाली को।


पर्यावरण को ध्यान में रख सफाई की चर्चा।


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