STORYMIRROR

Priyanka Shrivastava "शुभ्र"

Abstract

4  

Priyanka Shrivastava "शुभ्र"

Abstract

बदलता जीवन

बदलता जीवन

1 min
506

बदलता जीवन

घर आंगन को स्वच्छ किया

और बाह्य परिसर में फैला दिया

पॉलीथिन में भर कर कचड़ा

प्रेम से नाले में ही डाल दिया।


ये पॉलीथिन दुश्मन बन

जाम किया नाला का तन

जल निकासी अवरुद्ध हुआ

नाला जल में डूबा, पूरा बदन।


पेड़ काट कर घर सजाया

घर आने को सड़क बनाया

चारो ओर की हरियाली काट

कंक्रीट का वन फैलाया।


दूर हुआ मेरा पक्षी प्यारा

दुर्लभ हुआ पशु का चारा

आधुनिकता की दौड़ में

पर्यावरण का कत्ल हुआ।


भूल गए हम हरियाली को

तरस गए हम खुशहाली को

बच्चे केवल पढ़े कहानी में

देखा नहीं छप्पन-भोग सजी थाली को।


पर्यावरण को ध्यान में रख सफाई की चर्चा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract