सूरज की कहानी
सूरज की कहानी
आओ बच्चों तुम्हें सुनाए, सूरज की कहानी
बचपन में मुझे सुनाती थी मेरी नानी
रोज सबेरे यह आता और हमें जगाता
शाम को वो छुप जाता, रात भर सुलाता
सूरज के उगने से पहले पूरव में लाली छा जाते
उसकी लाली से पहले खग वृंद जग जाते
चीं चीं कर के हमें बताते सूरज है आने वाला
निद्रा तज जागो ऐ इंसान, भागा रात काला।
सूरज है एक तारा, सारे ग्रह घूमते जिसके चारो ओर
धरती भी चक्कर लगाती किए बिना कोई शोर
सुबह शाम नारंगी-लाल दिन में दिखता उजला
इसकी रौशनी में ताकत इतनी, दे सब कुछ जला।
खाली आँख कभी मत देखो चढ़ जाएगा चश्मा
बड़े हो अध्ययन करना तब जानो इसका करिश्मा।
सात रंग के घोड़े इसके, सातो सात रंग वाला
संक्षिप्त में जानों उनका नाम बै.नी. आ.ह.पि.ना.ला।
हर रंगों के तरंग दैर्ध्य() अलग-अलग होते हैं
इसी कारण सुबह शाम ये लाल हमें दिखते हैं।
सातो रंग का मिश्रण श्वेत प्रकाश बन जाता।
सूरज की रौशनी में कीटाणु पनप नहीं पाता।
धरती का जीवन इससे, इससे ही हरियाली
रोज हमारे घर आकर भर देता जीवन में खुशियाली।
तरह-तरह के फूल,फल,सब्जी और अनाज
सूरज से ताकत ले बढ़ते इन पर हमको नाज।
हमें विटामिन डी सूरज की किरणों से मिलता
जिसे पाकर हमारी हड्डी में ताकत भरता।
बच्चों सूरज की हम पूजा करते, करते सुबह-शाम प्रणाम
सूरज की रौशनी में करते हम नित्य व्यायाम।
सूरज की महिमा इतनी, इससे तुम जानो
सारा जग इससे है, ये बात तुम मानो।।
