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Sandeep Singh

Abstract

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Sandeep Singh

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पर्यावरण को ना करो मानव खराब।

पर्यावरण को ना करो मानव खराब।

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पर्यावरण को‌ ना मानव करो खराब।

इस सबका भगवान ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ को देना होगा हिसाब।

ना बचाओ पानी तो एक दिन धरती पे सुखा पड़ जायेगा

कभी इस बंजर जमीन अनाज का दाना ना ऊगा पायेगा।


पैसे के लिए ना करो‌ जंगल का नुकसान

मानवता के लिए पेड़ पौधे करो दान।

पर्यावरण को‌ ना मानव करो खराब

इस सबका भगवान ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ को देना होगा हिसाब।


ना करो ऐसा काम जिसमें जीवन खत्म हो जायेगा

फिर तो मानव पछताएगा।

जो बीत गया कल दुबारा ना आयेगा

पर्यावरण को‌ खत्म कर कभी मानव शांति से जीना पायेगा।


पर्यावरण को‌ ना मानव करो खराब

इस सबका भगवान ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ को देना होगा हिसाब।


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