Sandeep Singh

Abstract

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Sandeep Singh

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प्रकृति का कर्ज

प्रकृति का कर्ज

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नहीं चूका सकते प्रकृति का कर्ज

प्रकृति धरती का अनमोल गहना धा

यह भगवान शिव जी कहना है।


प्रकृति हमें जीने के लिए फल देती

धरती मां अपनी माता ‌‌‌‌‌मान लेती हैं

यह सब मानव प्रकृति के बच्चों है।


इस मे‌ फूल और पेड़ पौधे बड़े अच्छे हैं

बचा लो प्रकृति अगर बचा ना पाये

अफसोस हमें सारी जिंदगी रहना है।


प्रकृति का कर्ज हम मानवो‌ं पर उम्र भर रहना है

फल,फृल, पेड़ ‌‌‌‌‌‌‌ पौधे विना अहसान के देती है।

यह भगवान शिव जी कहना है।


प्रकृति हमें जीने के लिए फल देती।


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