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Sandeep Singh

Abstract

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Sandeep Singh

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प्रकृति

प्रकृति

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प्रकृति से करोगे छेड़छाड़ कर पछताना पड़ेगा।

जीवन में ऐसा दर्द आएगा जो ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌व्यक्ति जीवन भर भरेगा।

अगर जल, जंगल बचाओगे।

ज़िन्दगी में सृख पाओगे।


हर एक व्यक्ति को पेड़ लगाना चाहिए।

प्रकृति को बचाने के लिए एक मकसद बनाना ‌‌‌‌‌‌‌चाहिए।

जल को बचाओ एक दिन ये खत्म हो जाएगा।

जल के बिना धरती पर पेड़-पौधों का अंत हो जाएगा।


नंदियाँ और नाले को बचाना है।

जिंदगी को‌ स्वर्ग बनाना है।

धरती हमारी माता है।

जो इस को नष्ट करता है।


वो‌ मानव जीवन भर पछताता है

प्रकृति से करोगे छेड़छाड़ कर पछताना पड़ेगा।

जीवन में ऐसा दर्द आएगा जो ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌व्यक्ति जीवन भर भरेगा।


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