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Rahulkumar Chaudhary

Drama Tragedy Inspirational

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Rahulkumar Chaudhary

Drama Tragedy Inspirational

आनंद सुख दुःख

आनंद सुख दुःख

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दुःख उधार का है,आनन्द स्वयं का है।

आनन्दित कोई होना तो अकेले भी हो सकता;


दुखी होना चाहे तो दूसरे की जरूरत है।

कोई धोखा दे गया; किसी ने गाली दी

कोई तुम्हारे मन की अनुकूल न चला- सब

दुःख दूसरे से जुड़े है।


और आनन्द का दूसरे से कोई सम्बन्ध नहीं है। 

आनन्द स्वस्फूर्त है दुःख बाहर से आता है,

आनन्द भीतर से आता है तू ही तू।


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