प्रीत का रंग
प्रीत का रंग
ओ रंगरेज मोरी रंग दे चुनरिया ऐसी
जैसे प्रीत रंग मोहे रंग डारी..
छूटत नाहीं रंग पिया का,
लाख जतन कर डारी..
याद पिया की जब जब आए
नैनन में छा जाती..
जानहुं ना कोई ऐसी डगर मैं तो
याद पिया की ना आती..
का करूं कैसे दिल समझाऊं
मैं तो समझ ना पाती..
प्रीत के रंग रंग डारी...!!

