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Kanak Agarwal

Romance Fantasy

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Kanak Agarwal

Romance Fantasy

मुझ में रब बसता है

मुझ में रब बसता है

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मेरा मन उपवन जब तरसता है

तेरी यादों का घन बरसता है…


खिल उठती है कली कली

हर फूल तब महकता है...


दिल की बस्ती वीरान नहीं

महफ़िल में तू ही रहता है...


लोग कहें चाहें दीवाना

मुझमें तो रब बसता है....!!



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