Kanak Agarwal
Fantasy Inspirational
आज मन के अंधेरे से कोने में झांकते हैं
इक सीला सा दुख पड़ा है उसे बुहारते हैं
ख्वाहिशों और उम्मीदों का रोगन करते हैं
खुशियों के दीप से उसे रोशन करते हैं
आओ इस दीपावली कुछ ऐसा करते हैं
रोशन दीवाली
प्रकृति और स्...
तस्वीर युद्ध ...
इश्क़
प्रेम
हम तो बस तेरे...
मनमर्जी
मुझ में रब बस...
झरना
जिंदगी
'कांपती पत्ती गुलाब की, यूँ अधरों को में रूप देता, फिर सिखा तुझे नाम अपना, तुझसे नया सा सुन लेता।' ए... 'कांपती पत्ती गुलाब की, यूँ अधरों को में रूप देता, फिर सिखा तुझे नाम अपना, तुझसे...
भोग के लिए होती नहीं है सत्ता सेवा के लिए। भोग के लिए होती नहीं है सत्ता सेवा के लिए।
भावनाओं की डोर पर तर्क के खंजर से न वार करना भावनाओं की डोर पर तर्क के खंजर से न वार करना
प्रतीक्षा सदा अच्छा नहीं होता है जान लें सभी। प्रतीक्षा सदा अच्छा नहीं होता है जान लें सभी।
मुझसे दूर हो मगर ये हमेशा मुझे तुम्हारी याद दिलाते रहते हैं। मुझसे दूर हो मगर ये हमेशा मुझे तुम्हारी याद दिलाते रहते हैं।
एक कविता - : 'सबसे भूखा आदमी' एक कविता - : 'सबसे भूखा आदमी'
ला साकी थोड़ी तो और शराब ला सागर को छलकने दे जी भर के तू अभी अंजुम की रोशनी में भी खि ला साकी थोड़ी तो और शराब ला सागर को छलकने दे जी भर के तू अभी अंजुम की रोशन...
राग छेड़ा मुख पर पिया, मैं प्रेम रथ का ताज बनूँ । राग छेड़ा मुख पर पिया, मैं प्रेम रथ का ताज बनूँ ।
‘गुडिया’ सी नुमाइश करती है फिर वह ‘टीवी’ ‘फ्रिज’ स्कूटर’ हो जाती है . ‘गुडिया’ सी नुमाइश करती है फिर वह ‘टीवी’ ‘फ्रिज’ स्कूटर’ हो जाती है .
मेरे सपने...। मेरे सपने...।
याद है मुझे वो आपकी हर एक पसंद जो कभी बताया था नहीं मुझे याद है मुझे वो आपकी हर एक पसंद जो कभी बताया था नहीं मुझे
ये कविता महज़ एक आत्मा की उत्पत्ति है ये कविता महज़ एक आत्मा की उत्पत्ति है
मिल गयी दुनियां के झमेले में जान मिल गयी। मिल गयी दुनियां के झमेले में जान मिल गयी।
वात्सल्य उनकी आँखों का वर्णन से है दूर बहुत वात्सल्य उनकी आँखों का वर्णन से है दूर बहुत
मुझे दगाबाज समझ कभी मुंह फेर मत लेना क्या तुम कर सकते हो मुझसे प्यार उतना? मुझे दगाबाज समझ कभी मुंह फेर मत लेना क्या तुम कर सकते हो मुझसे प्यार...
दिन भर नियति से लड़, जब मैं थक जाता हूँ तब इन्हीं रंगों को देख, थोड़ा सुख चैन पाता हूँ। दिन भर नियति से लड़, जब मैं थक जाता हूँ तब इन्हीं रंगों को देख, थोड़ा सुख चैन प...
कोई जगह कोई दहर हो जहाँ वक़्त न पंहुचा हो अभी भी बेवक़्त पहुँचेंगे वहाँ और बैठे रहेंगे सोचा क... कोई जगह कोई दहर हो जहाँ वक़्त न पंहुचा हो अभी भी बेवक़्त पहुँचेंगे वहाँ और ...
भीड़...। भीड़...।
भर दे एहसास अपने होने का कि मैं हूं ना सिर्फ तुम्हारे लिए, स्त्री बस यही तो चाहती ह भर दे एहसास अपने होने का कि मैं हूं ना सिर्फ तुम्हारे लिए, स्त्री बस यही तो ...
राष्ट्रपति मुर्मू जी इस संसार में महान किरदार है। राष्ट्रपति मुर्मू जी इस संसार में महान किरदार है।