Kanak Agarwal
Fantasy Inspirational
आज मन के अंधेरे से कोने में झांकते हैं
इक सीला सा दुख पड़ा है उसे बुहारते हैं
ख्वाहिशों और उम्मीदों का रोगन करते हैं
खुशियों के दीप से उसे रोशन करते हैं
आओ इस दीपावली कुछ ऐसा करते हैं
रोशन दीवाली
प्रकृति और स्...
तस्वीर युद्ध ...
इश्क़
प्रेम
हम तो बस तेरे...
मनमर्जी
मुझ में रब बस...
झरना
जिंदगी
क्रीड़ा कौतुक हेतु अपने श्राप से लोगों को बना देती तोता मेमना क्रीड़ा कौतुक हेतु अपने श्राप से लोगों को बना देती तोता मेमना
जीत लोगी उसी दिन दुनिया की हर जंग तुम, जिस दिन जीत का ताज सर पर तुम्हारे होगा। जीत लोगी उसी दिन दुनिया की हर जंग तुम, जिस दिन जीत का ताज सर पर तुम्हारे होग...
जबसे छीन लिया हैं तुमने हर ख़ुशी को क्यूँ? मेरी जगह तूने दें दी किसी को ! जबसे छीन लिया हैं तुमने हर ख़ुशी को क्यूँ? मेरी जगह तूने दें दी किसी को !
वो चेहरों को देख खुद के खामोशी से उस दर्द को सीने में छिपा लेते हैं, वो चेहरों को देख खुद के खामोशी से उस दर्द को सीने में छिपा लेते हैं,
ये तख़्तों ताज हुकूमत कब तलक वो सब भी वहाँ है जहाँ हम थे। ये तख़्तों ताज हुकूमत कब तलक वो सब भी वहाँ है जहाँ हम थे।
कोई तो पल ऐसा भी हो जिसमें तेरे ख्वाब न हो... कोई तो पल ऐसा भी हो जिसमें तेरे ख्वाब न हो...
फिर साथ इंतजार करेंगे सर्दी कि पहली बर्फ का, फिर साथ इंतजार करेंगे सर्दी कि पहली बर्फ का,
जाति धर्म का भेदभाव भूल कर, परस्पर प्रेम की भावना का सुर बजाओ। जाति धर्म का भेदभाव भूल कर, परस्पर प्रेम की भावना का सुर बजाओ।
खलिहानों में उपज है आई, अन्न दाता घर खुशियां छाई।। खलिहानों में उपज है आई, अन्न दाता घर खुशियां छाई।।
पगली लड़की के बिन रातों का नक्शा अत्याचारी लगता है पगली लड़की के बिन रातों का नक्शा अत्याचारी लगता है
तीसरी गलती चौथी गलती और फिर जिंदगी ही गलती हो गई। तीसरी गलती चौथी गलती और फिर जिंदगी ही गलती हो गई।
इज़्ज़त उनकी नहीं करनी चाहिए जनाब, जो इज़्ज़तदार कहलाने का हक नहीं रखते। इज़्ज़त उनकी नहीं करनी चाहिए जनाब, जो इज़्ज़तदार कहलाने का हक नहीं रखते।
जीने का मजा क्या, मुझे सिखला रहे हो तुम्ही से चाह मेरी, मेरी हर प्यास हो तुम जीने का मजा क्या, मुझे सिखला रहे हो तुम्ही से चाह मेरी, मेरी हर प्यास हो तुम
याद है तुझको जहाँ मिलें थे पहली दफ़ा, झ़ील किनारे अपना घर बसाना चाहता हूँ। याद है तुझको जहाँ मिलें थे पहली दफ़ा, झ़ील किनारे अपना घर बसाना चाहता हूँ।
बरसात की वो बूंदें जो तुमसे अकसर बातें किया करती थीं। बरसात की वो बूंदें जो तुमसे अकसर बातें किया करती थीं।
सारी दुनिया का सहारा बन जाये पर किसिृी को अपना होने ना दीजिये। सारी दुनिया का सहारा बन जाये पर किसिृी को अपना होने ना दीजिये।
पर कुछ दहलीज है जो नही लगने उनका ध्यान रखो और अपनी उड़ान बरो। पर कुछ दहलीज है जो नही लगने उनका ध्यान रखो और अपनी उड़ान बरो।
नाचूँ छम-छम वृंदावन में तू बसे तन-मन में, ओ श्याम मोरे। नाचूँ छम-छम वृंदावन में तू बसे तन-मन में, ओ श्याम मोरे।
प्रेम की आहट... हौले से आती है जैसे रात में दुब घास की नोंक पर... प्रेम की आहट... हौले से आती है जैसे रात में दुब घास की नोंक पर...
काली औरतें के लिए आभूषण कोई सुन्दरता नहीं वो मन और तन का संवाद है! काली औरतें के लिए आभूषण कोई सुन्दरता नहीं वो मन और तन का संवाद ह...