वैश्विक अवधारणा सोच सार्थक दृष्टि दिशा राष्ट्र समर्पण युग युवा बोध जीवन राग वैराग्य।। वैश्विक अवधारणा सोच सार्थक दृष्टि दिशा राष्ट्र समर्पण युग युवा बोध जीवन राग वैरा...
जन्म से मरण तक पीढ़ी दर पीढ़ी तक समाज और व्यक्तिगत जिसके अधिकारी है ! जन्म से मरण तक पीढ़ी दर पीढ़ी तक समाज और व्यक्तिगत जिसके अधिकारी ह...
जीवन का प्रवाह अविरल और निरन्तर है... यह बात जान लों... ना कोई रुरा है ना कोई रुकेगा... समय निकलता ज... जीवन का प्रवाह अविरल और निरन्तर है... यह बात जान लों... ना कोई रुरा है ना कोई रु...
कितने वीरों का असीम बलिदान है, कितने सपनों का अतुल योगदान है, कितने वीरों का असीम बलिदान है, कितने सपनों का अतुल योगदान है,
कोई प्यार पर कोई पैसे पर करके विश्वास तनकर हुआ खड़ा है कोई प्यार पर कोई पैसे पर करके विश्वास तनकर हुआ खड़ा है