Jaypoorna Vishwakarma
Drama
बिन काँटो के गुलाब कभी खिलता नहीं
बिन संघर्ष के मंजिल कभी मिलता नहीं
कर संघर्ष इतना पर पांव को थकने न दें
थका पांव मंजिल तक कभी चलता नहीं।
सुप्रभात
कोरोना महामार...
पृथ्वी
विषय - मंजिल
मैं हूँ भारत ...
नव वर्ष
बिन फेरे हम त...
श्रद्धा
फिर भी मैं पर...
सीता की अग्नि...
भोली-भाली नटखट, अल्हड़ तू कमाल, तेरी सादी काया की, क्या दूँ मैं मिसाल। भोली-भाली नटखट, अल्हड़ तू कमाल, तेरी सादी काया की, क्या दूँ मैं मिसाल।
कायनात के नक्शे दिखाएगी बाँध लो प्रेम को काले धागे सा अपनी कलाई अपने आत्मा पर कायनात के नक्शे दिखाएगी बाँध लो प्रेम को काले धागे सा अपनी कलाई अपने आ...
मायके में अतीत अपना आती छोड़ दो कुल की धुरी बनकर जाती हैं रह मायके में अतीत अपना आती छोड़ दो कुल की धुरी बनकर जाती हैं रह
भयंकर रूप और बिखरे बाल है भूत-पिशाच को दूर भगाती है भयंकर रूप और बिखरे बाल है भूत-पिशाच को दूर भगाती है
यमराज नहीं हटा सके, लिपटे जब शिवलिंग, शिव भक्ति के आगे, मन्नत नहीं रही अधूरी।। यमराज नहीं हटा सके, लिपटे जब शिवलिंग, शिव भक्ति के आगे, मन्नत नहीं रही अधूरी।...
मनुष्य स्वच्छ और पवित्र देह लेकर इस धरती पर आया है। मनुष्य स्वच्छ और पवित्र देह लेकर इस धरती पर आया है।
आँखों में लेकर कुछ छिपे अरमान लबों पे लिपटी वो मीठी मुस्कान आँखों में लेकर कुछ छिपे अरमान लबों पे लिपटी वो मीठी मुस्कान
जो सत्य पर चले, लोग उसे पगला कहते लाला सत्य फूलों की नही, झूठे फूलों की पसंद माला जो सत्य पर चले, लोग उसे पगला कहते लाला सत्य फूलों की नही, झूठे फूलों की पसंद ...
सत्य रो रहा है, अकेला आज पर उसके आंसू भी देंगे घात सत्य रो रहा है, अकेला आज पर उसके आंसू भी देंगे घात
आदर्श संस्कार अपनी अमीरता है देश की संस्कृति को बचाना है ! आदर्श संस्कार अपनी अमीरता है देश की संस्कृति को बचाना है !
असुरी शक्तियों को, जगा चुका है, तामसिक वृति का हो चुका है इंसान, असुरी शक्तियों को, जगा चुका है, तामसिक वृति का हो चुका है इंसान,
कितने नादान होते माँ बाप कितने ही बड़े हो जाये लेकिन कितने नादान होते माँ बाप कितने ही बड़े हो जाये लेकिन
हारा नहीं, जो जगा हूँ आज...! हारा नहीं, जो जगा हूँ आज...!
वो न होते, कहाँ से लाते कृतज्ञता, कर्म लौ हुजूर है।। वो न होते, कहाँ से लाते कृतज्ञता, कर्म लौ हुजूर है।।
किस को ख़बर, सबसे पहले मिले थे, हम दोनों कहाँ, किस को ख़बर, सबसे पहले मिले थे, हम दोनों कहाँ,
छोड़ बुराई की जंजीरें कैसे खुद को बचाएं, अपने मन के अंधकार को कैसे अब मिटाएं! छोड़ बुराई की जंजीरें कैसे खुद को बचाएं, अपने मन के अंधकार को कैसे अब मिटाएं...
दिल तोड़कर किसी का मुस्कराते हैं लोग...! दिल तोड़कर किसी का मुस्कराते हैं लोग...!
आईने से तो कहते दिल के हर अरमान यही तो होता हल्का दर्द का समान आईने से तो कहते दिल के हर अरमान यही तो होता हल्का दर्द का समान
तेरे साथ बिताए लम्हों का, हर पल बहुत याद आता है। तेरे साथ बिताए लम्हों का, हर पल बहुत याद आता है।
ना जाने कितने लोगों की जानें गईं हैं इन दो साल में। ना जाने कितने लोगों की जानें गईं हैं इन दो साल में।