सोम बाजार
सोम बाजार
प्रसिद्ध शहर हो या दूर दराज
सब्जी मंंडी होती वहां की पास
चाहे मिले कितने बड़े बड़े बाजार
मेला लगता है हर दिन और वार।
मैंने भी देखा है एक सोम बाजार
कभी चली जाती वहां रात के आठ
तो कभी जाती शाम के बजे चार
एक ओर बड़ा मैदान दूसरी था बाजार।
जाती थी कभी सब्जियां लेने वहां मैं
तो कभी देख आती झूले का मैदान
रविवार को छुट्टी होती थी जब भी
भर लाती मैं वहां से जरूरी सामान।
एक गली से लेकर दूसरी गली तक
हर कोई था आता जाता दिखता
बच्चों के कपड़ों खिलौनों से लेकर
हर घरेलू जरूरत का सामान बिकता।
एक तरफ होते सारे कपड़े वाले
दूसरी तरफ होते कचौड़ी पकवान
एक बड़ी सी लाइन बस सब्जियों की
अगली मोड़ पर होती फलों की दुकान।