किसी बड़े समाजशास्त्री की तरह और खुश होता था अपनी छोटी छोटी ख्वाहिशों को मनवा कर किसी बड़े समाजशास्त्री की तरह और खुश होता था अपनी छोटी छोटी ख्वाहिशों को...
मेरे दर्द की चिंगारियों की लपटें उस के आँगन तक पहुँच ही जाएँगी। मेरे दर्द की चिंगारियों की लपटें उस के आँगन तक पहुँच ही जाएँगी।
रविवार को छुट्टी होती थी जब भी भर लाती मैं वहां से जरूरी सामान। रविवार को छुट्टी होती थी जब भी भर लाती मैं वहां से जरूरी सामान।
समय पुराना था, खिलौनों की कमी थी। फिर भी मोहल्ले भर के बच्चों के साथ खेला करते थे। समय पुराना था, खिलौनों की कमी थी। फिर भी मोहल्ले भर के बच्चों के साथ खेला...