STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama

दिवानापन

दिवानापन

1 min
329

दिल की पूकार सूनकर तू,

मेरे दर्द को ज़ान ले,

नफ़रत छोड़कर वापस आज़ा,

दिल में मुझको बसाले।


दिल से प्यार किया है तुझको,

उसको दिल में झांखले,

बिरहा के आंसू बहाया है मैंने,

आकर आंसु तू बोंछ ले। 


दिन रात तड़प रहा हूँ मैं,

मेरी तड़प को ज़ानले,

तन्हाईयॉं में जी रहा हूँ,

हालत मेरी तू देखले। 


तेरे प्यारका दिवाना हूँ मैं,

उस पर ऐतबार कर ले,

दर्द से घायल बना हूँ,

जख्म आकर मिटाले।


न कर गहरी कसौटी मेरी,

मेरे प्यार को पहेचान ले,

 जीवन भर का साथी हूँ मैं,

"मुरली" को अपना बनालें।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama