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बोले पंक्तियां

Drama

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बोले पंक्तियां

Drama

कलेशडोर

कलेशडोर

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एक बात पर गौर जमाकर, रूके है नैन कुछ पलों से वहां।

जानकारी है पूरी, फिर भी, गलती हुई, या कर रहें, है कहां?

पैर करते उछबल का अभ्यास, झांगो पर हाथों की शाबाशी

हम भी रूठ जाए मतिभ्रम से, भूल जाए सब बन संन्यासी


वो होंगे उत्सुक, या फिर हमे ही बैठे है, चिंताओ के गोल में 

हर्ष होगी अति मुलाकात से, पर क्या वो प्रेम होगी बोल में

समय तो एक नहीं हाजिर कर पाए, कोई चाह हो फरमाइए

 सुधार तो लेंगे इसे, पर जग में माप है, की कितना कमाई है


चादर भी बढ़ती रहती है, रोज, पैर भी रोज बढ़ते जाते है

एक ऊंचाइयों पर मुट्ठी चूमते, दूसरे हार से शोक मनाते है

काम काज है फिक्का कहते, पर डटकर वो जोर लगाते है

जब सबके फुल जाते है पेट, तब दया, करुणा दिखाते है


बराबरी तो करना है, रिश्तों से, वो हैसियत है मतभेदी प्यास

प्रेम शब्द के जापी हम नियुक्त, करते रहना कार्य है अभ्यास

गठबंधन जोड़ गए, वो पूर्णवासी सोचने का बड़ा कारण था

आप हमारे है, हम आपके इसका बात का बड़ा उदाहरण था।


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